भारतीय क्षात्त्र परम्परा - Part 50
समुद्री घाट क्षेत्र के अनेक शत्रुओं को पुलकेशी ने हराया। उसने अनेक राष्ट्रकूटों पर भी विजय प्राप्त की, उसने सातवाहनों को समाप्त किया, उसने पल्लव वंशी महेन्द्रवर्मा तक को निष्प्रभावी कर दिया। उसने न केवल कांची तक धावा बोला अपितु कन्याकुमारी तक अपनी संप्रभुता को स्थापित किया। समस्त दक्षिण भारत पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के उपरांत पुलकेशी ने नर्मदा तट पर हर्षवर्धन को आसानी से हरा दिया। हर्षवर्धन जो ‘उत्तरापथ परमेश्वर’ था पूरे देश का सम्राट बनने की इच्छा से नर्मदा तट तक आगया और वहां उसे ‘दक्षिणापथ परमेश्वर’ पुलकेशी द्वितीय का सामना करना पड़ा था। चूंकि दोनों ही सम