भारतीय क्षात्त्र परम्परा - Part 28
उस समय में वेदों का अनुसरण करने वालों ने भी बौद्ध धर्म का बहिष्कार नहीं किया था। सातवाहनों ने न केवल सांची स्तूप के द्वारों का निर्माण करवाया अपितु अमरावती ने एक पूरे स्तूप का निर्माण भी करवाया। उसके कुछ अंश चेन्नई, एगमोर के शासकीय संग्रहालय तथा ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शनार्थ रखे हैं[1]। दिखाई दे रहा है वैसा तो उस समय राजगुरुओं के मध्य भी नहीं था। संभवतः संप्रदाय विशेष की भावना से प्रेरित कुछ मतावलम्बी रचनाकारों की कृतियों ने अन्य पंथो के प्रति इस प्रकार घृणा भाव को जन्म दिया ह